Wednesday, May 18, 2011

हम जो हिन्दोस्तान से जाते / ham jo hindostan se jaate /aadil rasheed

हम जो हिन्दोस्तान से जाते 
बच गए नाक कान  से जाते 

बेवफा होना क्या ज़रूरी था 
किस ने रोका था शान से जाते 

आप हम को अगर नहीं मिलते 
हम तो कोरे जहान से जाते 

हाँ में हाँ ने बचा लिया हमको
सच जो कहते तो जान से जाते 










Wednesday, May 4, 2011

योमे मजदूर/ मजदूर दिवस /लेबर डे/ labour day /aadil rasheed

 योमे मजदूर/ मजदूर दिवस /लेबर डे/ labour day /aadil rasheed
खोखले नारों से दुनिया को बचाया जाए
आज के दिन ही हलफ इसका उठाया जाए
जब के मजदूर को हक उसका दिलाया जाए
योमें मजदूर उसी रोज़ मनाया जाए

ख़ुदकुशी के लिये कोई तो सबब होता है
कोई मर जाता है एहसास ये तब होता है
पेट और भूक का रिश्ता भी अजब होता है
जब किसी भूके को भर पेट खिलाया जाए
योमें मजदूर उसी रोज़ मनाया जाए

अस्ल ले लेते हैं और ब्याज भी ले लेते हैं

कल भी ले लेते थे और आज भी ले लेते हैं
दो निवालों के लिए लाज भी ले लेते हैं
जब के हैवानों को इंसान बनाया जाये
योमें मजदूर उसी रोज़ मनाया जाए

बे गुनाहों की सजाएं न खरीदीं जाएँ

चंद सिक्कों में दुआएं न खरीदी जाएँ
दूध के बदले में माएं ना
खरीदी जाएँ
मोल  ममता का यहाँ जब न लगाया जाये
योमें मजदूर उसी रोज़ मनाया जाए 

अदलो आदिल कोई मजदूरों की खातिर आये
उनके हक के लिए कोई तो मुनाजिर आये
पल दो पल के लिए फिर से कोई साहिर आये
याद जब फ़र्ज़ अदीबों को दिलाया जाये
योमें मजदूर उसी रोज़ मनाया जाए
हलफ= बीडा उठाना ,कसम उठाना 
सबब= कारण
अदल  = कानून, 
आदिल= इन्साफ करने वाला
मुनाजिर= बहस करने वाला
साहिर= साहिर लुधियानवी जिस ने खुद को पल दो पल का शायर कहा और मजदूरों की हक बात अपनी शायरी में की
अदीबों= कवि शायर पत्रकार का बहुवचन
             जय हिन्द